Tuesday, May 08, 2007

Intoxicating

Music can be intoxicating. I have felt a different kind of happiness, a peace of mind, as if this is the best moment of my life. I have no ambitions, no fears, only calmness, serenity. Recently discovered Mehndi Hasan and this ghazal. Simply awesome

भूली बिसरी चांद उम्मीदें, चंद फसाने याद आये
तुम याद आये और तुम्हारे साथ ज़माने याद आये

दिल का चमन शादाब था फिर भी ख़ाक सी उडती रहती थी
कैसे ज़माने एबा मे जाना तेरे बहाने याद आये

ठंडी सर्द हवा के झौंके आग लगा कर छोर गए
फूल खिले शाखों पे नए और दर्द पुराने याद आये

हंसने वालों से डरते थे, छुप छुप कर रो लेते थे
गहरी गहरी सोच में डूबे दो दीवाने याद आये

Listen it here

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